पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या जो दिल हारा हुआ हो उस पर फिर अधिकार करना क्या मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कश्मकश मे है हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार करना क्या 5.
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4. पनाहों में जो आया हो तो उस पर वार करना क्या जो दिल हारा हुआ हो उस पर फिर अधिकार करना क्या मुहब्बत का मज़ा तो डूबने की कश्मकश मे है हो गर मालूम गहराई तो दरिया पार करना क्या